Japan Bus Drivers Started Free Ride Strike, Didn't Take Money From Passengers - जापान में बस ड्राइवरों ने अपनाया 74 सालों पुराना हड़ताल का ये अनोखा तरीका

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अगर देश में बस ड्राइवर या ऑटो ड्राइवर प्रशासन से नाखुश हों तो वो हड़ताल शुरू कर देते हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी आम जनता को होती है, जो अपने रोजमर्रा के कामों के लिए इन पर निर्भर रहती है। हड़ताल में अमूमन बस और ऑटो सर्विस बंद कर दी जाती है। लेकिन जापान में एक अनोखे तरीके से हड़ताल कर विरोध जताया जा रहा है। यहां की पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेक्टर की बड़ी कंपनी 'रयोबी बस सर्विस' ने हड़ताल शुरू कर दी है। इस स्ट्राइक का नाम 'फ्री राइड स्ट्राइक' रखा गया है।

इसके तहत किसी बस को रोका नहीं जा रहा है बल्कि लोगों को फ्री में सफर कराया जा रहा है। बस में जो भी पैसेंजर सफर कर रहे हैं उनसे पैसे नहीं लिए जा रहे। जापान के इन बस ड्राइवर्स का कहना है कि बस से सफर करने वाले ज्यादातर लोग रोज आने जाने के लिए इसी पर निर्भर हैं। उनको किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसलिए उन्होंने तय किया है कि वह किसी से भी पैसे नहीं लेंगे। इससे भी प्रशासन को ही नुकसान होगा।

ड्राइवरों का कहना है कि यह एक अलग तरह की हड़ताल है। मैनेजमेंट के बारे में उनका कहना है कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। मैनेजमेंट यह भी कह सकता था कि ड्राइवरों को केवल अपनी चिंता है न कि आम जनता की। इसलिए लोगों से पैसे ना लेने का निर्णय लिया गया है। कंपनी के हड़ताल करने के पीछे का कारण है मेगुरिन बस सर्विस। जिसे सरकार ने एक महीने पहले ही रयोबी बस सर्विस के रूट पर बसें चलाने का लाइसेंस दिया है। रयोबी ने मांग की थी कि उसका रूट बदल दिया जाए लेकिन सरकार ने उनकी नहीं सुनी। 

ड्राइवरों की मांग थी कि उनकी जॉब सिक्योरिटी को लेकर पुख्ता इंतजाम किए जाएं लेकिन कोई संतोषजनक प्रक्रिया नहीं आई। जिसके बाद उन्हें ये कदम उठाना पड़ा। बता दें पहली बार फ्री राइड स्ट्राइक अमेरिका में साल 1944 में हुई थी। यह तरीका करीब 74 साल पुराना है। इसके अलावा पिछले साल सिडनी और ब्रिसबेन में भी बस ड्राइवरों ने इस तरह की हड़ताल की थी। जिसमें सिडनी ने मजदूरों के मुद्दे को लेकर फेयर फ्री डेज की शुरुआत की थी। 



अगर देश में बस ड्राइवर या ऑटो ड्राइवर प्रशासन से नाखुश हों तो वो हड़ताल शुरू कर देते हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी आम जनता को होती है, जो अपने रोजमर्रा के कामों के लिए इन पर निर्भर रहती है। हड़ताल में अमूमन बस और ऑटो सर्विस बंद कर दी जाती है। लेकिन जापान में एक अनोखे तरीके से हड़ताल कर विरोध जताया जा रहा है। यहां की पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेक्टर की बड़ी कंपनी 'रयोबी बस सर्विस' ने हड़ताल शुरू कर दी है। इस स्ट्राइक का नाम 'फ्री राइड स्ट्राइक' रखा गया है।


इसके तहत किसी बस को रोका नहीं जा रहा है बल्कि लोगों को फ्री में सफर कराया जा रहा है। बस में जो भी पैसेंजर सफर कर रहे हैं उनसे पैसे नहीं लिए जा रहे। जापान के इन बस ड्राइवर्स का कहना है कि बस से सफर करने वाले ज्यादातर लोग रोज आने जाने के लिए इसी पर निर्भर हैं। उनको किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसलिए उन्होंने तय किया है कि वह किसी से भी पैसे नहीं लेंगे। इससे भी प्रशासन को ही नुकसान होगा।

ड्राइवरों का कहना है कि यह एक अलग तरह की हड़ताल है। मैनेजमेंट के बारे में उनका कहना है कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। मैनेजमेंट यह भी कह सकता था कि ड्राइवरों को केवल अपनी चिंता है न कि आम जनता की। इसलिए लोगों से पैसे ना लेने का निर्णय लिया गया है। कंपनी के हड़ताल करने के पीछे का कारण है मेगुरिन बस सर्विस। जिसे सरकार ने एक महीने पहले ही रयोबी बस सर्विस के रूट पर बसें चलाने का लाइसेंस दिया है। रयोबी ने मांग की थी कि उसका रूट बदल दिया जाए लेकिन सरकार ने उनकी नहीं सुनी। 

ड्राइवरों की मांग थी कि उनकी जॉब सिक्योरिटी को लेकर पुख्ता इंतजाम किए जाएं लेकिन कोई संतोषजनक प्रक्रिया नहीं आई। जिसके बाद उन्हें ये कदम उठाना पड़ा। बता दें पहली बार फ्री राइड स्ट्राइक अमेरिका में साल 1944 में हुई थी। यह तरीका करीब 74 साल पुराना है। इसके अलावा पिछले साल सिडनी और ब्रिसबेन में भी बस ड्राइवरों ने इस तरह की हड़ताल की थी। जिसमें सिडनी ने मजदूरों के मुद्दे को लेकर फेयर फ्री डेज की शुरुआत की थी। 





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